Chhaava movie ki story 2025

🎬 कहानी की शुरुआत:
फिल्म की शुरुआत होती है शिवाजी महाराज के निधन से, जिसकी खबर जैसे ही मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब को मिलती है, वह सोचता है कि अब मराठा साम्राज्य कमजोर हो गया है और इसे खत्म करना आसान होगा।
लेकिन यहीं उसकी सबसे बड़ी भूल साबित होती है। क्योंकि शिवाजी के बेटे, छत्रपति संभाजी महाराज, एक बहादुर और अडिग योद्धा बनकर सामने आते हैं।
🛡️ संभाजी महाराज का राज्यारोहण:
संभाजी महाराज मराठा साम्राज्य की गद्दी संभालते हैं और अपने नेतृत्व में एक नई ऊर्जा भर देते हैं। उनका पहला बड़ा कदम होता है बुरहानपुर पर अचानक हमला, जहाँ वह मुगलों को हरा कर एक कड़ा संदेश औरंगज़ेब को देते हैं — “मराठों को कमजोर मत समझो।”
👑 दरबारी साज़िशें और पारिवारिक संघर्ष:
फिल्म में उनके जीवन की राजनीतिक चुनौतियाँ भी दिखती हैं। उनकी सौतेली माँ सोयराबाई चाहती हैं कि उसका बेटा राजाराम गद्दी पर बैठे, जिससे दरबार में साजिशों का सिलसिला शुरू हो जाता है।
हालांकि, संभाजी की पत्नी यसुबाई उनका हर कदम पर साथ देती हैं और उन्हें भावनात्मक सहारा देती हैं।
⚔️ युद्ध और बहादुरी:
औरंगज़ेब अब खुद दक्षिण की ओर कूच करता है ताकि मराठों को पूरी तरह मिटाया जा सके। पर संभाजी डटकर मुकाबला करते हैं।
एक खास दृश्य में वह खूंखार शेर से निडर होकर लड़ते हैं, जो दर्शाता है कि वह केवल योद्धा नहीं, एक शेरदिल इंसान भी हैं।
😢 विश्वासघात और शहादत:
संभाजी महाराज को एक विश्वासघात के चलते संगमेश्वर में मुग़लों द्वारा पकड़ लिया जाता है।
औरंगज़ेब उन्हें धर्म बदलने और आत्मसमर्पण करने को कहता है, लेकिन संभाजी डटकर मना कर देते हैं।
उन्हें बेहद दर्दनाक यातनाएँ दी जाती हैं, लेकिन वह न तो झुकते हैं और न ही टूटते हैं।
आखिरकार, संभाजी महाराज वीरगति को प्राप्त होते हैं, औरंगज़ेब भी उनकी बहादुरी और दृढ़ता को देखकर स्तब्ध रह जाता है।
💬 संक्षेप में फिल्म का सार:
“छावा” सिर्फ एक युद्ध की कहानी नहीं है, बल्कि एक ऐसे योद्धा की गाथा है जिसने अपने धर्म, राज्य और सम्मान के लिए अंतिम सांस तक संघर्ष किया।
📝 मुख्य पात्र:
- विक्की कौशल – छत्रपति संभाजी महाराज
- रश्मिका मंदाना – येसुबाई
- नीना गुप्ता, अश्विनी भावे और अन्य कलाकार सहयोगी भूमिकाओं में हैं।